प्रेरणा के सिद्धांत की मुख्य जानकारी Key Information of The Theory of Motivation

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 18 Sep 2021 02:15 PM IST

 अभिप्रेरणा के निम्नलिखित आठ सिद्धांत हैं - 

1) मूल प्रवृत्ति का सिद्धांत : मनोविज्ञान के क्षेत्र में अभिप्रेरणा को प्रथम वैज्ञानिक सिद्धांत माना जाता है । इसके अंतर्गत मैक्डूगल, बर्ट आदि मनोवैज्ञानिकों ने यह अवधारणा प्रस्तुत की व्यक्ति में जन्म से ही व्यवहार की कुछ विशिष्ट प्रवृतिया विघामान रहती हैं  तथा उनके क्रियाशील होने पर व्यक्ति उस प्रकार का व्यवहार करता है , जिसके करने से उसकी उस प्रवृति की संतुष्टि होती है ।  मैक्डूगल ने कहा कि  - ' जन्मजात प्रवृतियां मानव व्यवहार का उदगम होती हैं। ' फ्रायड ने अपने मनोविश्लेषण सिद्धांत में दो मूल प्रवृत्तियों ( जीवन व मृत्यु की मूल प्रवृति ) का वर्णन किया है। सामान्य व्यक्ति में जीवन तथा मृत्यु प्रवृति समान मात्रा में रहकर एक दूसरे को संतुलित रखती है।इस मूल - प्रवृत्ति को उन्होंने थेनाटॉस नाम दिया है। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

Source: NA



2) सक्रियता का सिद्धांत : अभिप्रेरणा का सक्रियता सिद्धांत व्यवहार की दक्षता पर निर्भर करता है तथा दक्षता ऊर्जा के उपयोग व मांसपेशियों की सक्रियता पर निर्भर करती है । आधुनिक मनोविज्ञान में स्नायुविक तथा दैहिक शोधों के आधार पर यह निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया गया है कि उत्तेजना व्यवहार को किस प्रकार  से प्रभावित करती है। सोलेसबरी के अनुसार उत्तेजना का सिद्धांत लक्ष्य अथवा उत्तेजना की तीव्रता और सामान्य क्रिया के बीच में आई हुई बाधाओं पर निर्भर करता है । लक्ष्य, उद्देश्य, अथवा उद्विपक प्राणी के व्यवहार में सक्रियता उत्पन्न करता है । या दूसरे शब्दों में व्यवहार की सक्रियता ही प्रेरणा का घोतक है ।

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes



3) संतुलन स्थौर्य सिद्धांत : चेपलिन ने संतुलन स्थैर्य की परिभाषा इस प्रकार से की है । प्राणी की एक पूर्ण के रूप में ऐसी प्रवृति है जिससे वह स्थिरता बनाए रखता है और यदि इसकी स्थिरता समाप्त होती है , तो वह संतुलन प्राप्त करने का प्रयास करता है " । इस मत के अनुसार मनोवैज्ञानिक प्रेरणाएं प्राणी में संतुलन प्राप्त करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करती है । लेविन का क्षेत्रीय सिद्धांत भी संतुलन के विचार के अनुरूप ही है ।

Safalta App पर फ्री मॉक-टेस्ट Join Now  के साथ किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें।

4) चालक सिद्धांत : प्राणी में इस अवस्था की उत्पति उसके शारीरिक आवश्यकता या बाहा उद्वीपक से उत्पन्न होती है। इस अवस्था की एक विशेषता है कि व्यक्ति सक्रिय हो जाता है और उसका व्यवहार उद्देश्यपूर्ण हो जाता है। वुडवर्ड पहले अमेरिकी मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने चालक की संकल्पना 1928 में प्रस्तुत की थी। उनके अनुसार - चालक एक प्रकार  की दैहिक ऊर्जा  है जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है । भूख , प्यास , काम तथा नींद आदि कुछ प्रभावी चालक है , जो अनेकों प्रकार के व्यवहार के पीछे कारक रूप में विघामान  रहते हैं ।

5) आवश्यकता - पदानुक्रम सिद्धांत : मैस्लो ऐसे प्रदान मनोवैज्ञानिक हैं जिन्होंने आत्मासिद्धि को एक महत्वपूर्ण अभिप्रेरक  बतलाया और इसका वैज्ञानिक अध्ययन कर " आवश्यकता - पदानुक्रम सिद्धांत " का प्रतिपादन किया। मेस्लो ने दैहिक , सुक्षा , संबद्धता एवं स्नेह , सम्मान और आत्मसिद्धि जैसी पांच मानव आवश्यकताएं बताई हैं। 

6) अभिप्रेरणा का मनोविश्लेषण सिद्धांत : इस सिद्धांत के प्रतिपदक मनोविश्लेषणवाद के प्रवर्तक सिगमंड फ्रायड है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अचेतन मन में रखी इच्छाएं , वासनाएं एवं अन्य मानसिक ग्रंथियां मानव व्यवहार को अभि प्रेरित करती हैं । मनुष्य के बहुत से व्यवहार अचेतन मन के प्रेरक चेतन मन द्वारा उनके दमन तथा रक्षा युक्ति के बीच होने वाले संघर्ष का परिणाम है। फ्रायड के अनुसार जीवन शक्ति होने वाले संघर्ष का परिणाम है । फ्रायड ने जीवन शक्ति लिबिडो की अवधारणा प्रस्तुत करके यह स्पष्ट किया कि सभी प्रकार कि क्रियाएं जैसे चिंतन , प्रत्यक्षीकरण , अधिगम , स्मृति  आदि जीवन शक्ति के व्यक्त रूप हैं। 

7) उपलब्धि अभिप्रेरणा  सिद्धांत : यह सिद्धांत हारवर्ड विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक डेविड सी. मैक्लिएंड ने 1961 में प्रतिपादित किया। उनका विश्वास था कि व्यक्ति के मूल विश्वास एवं दृष्टिकोण उसकी उपलब्धि निश्चित करते हैं। मैक्लिएंड के अनुसार प्रेरक वातावरणजन्य होते हैं। अर्थात विशिष्ट वातावरण में विशिष्ट प्रकार के प्रेरक , आकांक्षा , रुचि , लक्ष्य एवं मूल्य मानव व्यवहारों को प्रभावित करते हैं। मैक्लिएंड का विश्वास था कि उपलब्धि की बलवती आवश्यकता लिए व्यक्ति में कुछ गुणों को विकसित करना होता है । मैक्लिएंड के शिष्य एटकिंसन ने उपलब्धि अभिप्रेरणा  पर शोध कार्य किया तथा विस्तार से इस सिद्धांत का निरूपण किया। एटकिंसन के अनुसार - " उपलब्धि अभिप्रेरणा व्यवहार को दिशा तीव्रता एवं निरंतरता प्रदान करती है।" इस सिद्धांत के मुख्य तीन पहलू यथा - सफलता प्राप्त करने का अभिप्रेरक , असफलता से दूर रहने का अभिप्रेरक और उपलब्धि अभि प्रेरणा हैं। 
 
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करें General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें

 8) अभिप्रेरणा का ज्ञानात्मक सिद्धांत : इस सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाले मनो वैज्ञानिक हर्जबर्ग ने अभिप्रेरणा को भविष्य का आनंदवाद माना है। इस सिद्धांत की धारणा है कि व्यक्ति के व्यवहार के प्रमुख निर्धारक उसमें भविष्य के प्रति विश्वास , अपेक्षाएं तथा पूर्वाभास या प्रत्याशाए हैं। आंतरिक शक्तियों के अंतर्गत स्मृति , भावात्मक अनुक्रियाए एवं आनंद के खोज की प्रवृति सम्मिलित है। हर्जबर्ग ने संतुष्टि व असंतुष्टि दो प्रकार के कारक बताए हैं।
 

Related Article

Govt establishing modern education system through NEP: President Droupadi Murmu, Read here

Read More

IBPS PO Main Result 2024 out now; Download scorecard till 7 February, Read the steps to check here

Read More

CSIR UGC NET 2024: सीएसआईआर यूजीसी नेट दिसंबर सत्र के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी, यहां देखें पूरा शेड्यूल

Read More

UP Police Constable PET: दो चरणों में होगा यूपी पुलिस कांस्टेबल का फिजिकल टेस्ट, इस दिन जारी होंगे प्रवेश पत्र

Read More

UP Board Exam: यूपी बोर्ड इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षा कल से होगी शुरू, प्रैक्टिकल से पहले जरूर पढ़ें निर्देश

Read More

BPSC 70th Prelims Marksheet: 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा की मार्कशीट वेबसाइट पर अपलोड, ऐसे करें डाउनलोड

Read More

SSC MTS 2024: एसएससी एमटीएस भर्ती के शारीरिक परीक्षण के लिए प्रवेश पत्र जारी, जानें डाउनलोड करने का तरीका

Read More

UP Madarsa Board 2025 Timetable out now; Check the exam dates and steps to download here

Read More

Exam Tips: MPPSC State Service Examination (Prelims) 2025 exam on 16 Feb; Read these tips to succeed here

Read More